Maa Durga Mantra
शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे। सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तु ते।। ऐश्वर्य से भरपूर जीवन जीना चाहते हैं, तो मां दुर्गा के इस सिद्ध मंत्र का जप करें।
मां दुर्गा का शक्तिशाली मंत्र कौन सा है?
'शरणागतदीनार्तपरित्राणपरायणे, सर्वस्यार्तिहरे देवि नारायणि नमोऽस्तुते'. चैत्र नवरात्रि की अवधि में दुर्गा सप्तशती के इस मंत्र का जाप करने से जीवन में आ रही तमाम समस्या का समाधान मिलता है. 'देहि सौभाग्यमारोग्यं देहि मे परमं सुखम्, रूपं देहि जयं देहि यशो देहि द्विषो जहि'.
दुर्गा मंत्र का जाप कैसे करें?
- सर्वमंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यंबके गौरी नारायणि नमोऽस्तुते।।
- ॐ जयन्ती मंगला काली भद्रकाली कपालिनी। दुर्गा क्षमा शिवा धात्री स्वाहा स्वधा नमोऽस्तुते।।
- या देवी सर्वभूतेषु शक्तिरूपेण संस्थिता, ...
- नवार्ण मंत्र 'ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै' का जाप अधिक से अधिक अवश्य करें।
दुर्गा मंत्र से क्या लाभ है?
इस मंत्र का नियमित जाप करने से व्यक्ति बुद्धिमान बनता है और बल मिलता है । यह मंत्र देवी दुर्गा के सर्वव्यापी स्वरूप की रूपरेखा तैयार करता है। इस मंत्र का जाप करने से जीवन में किसी भी प्रकार की स्थिति से निपटने के लिए आंतरिक शक्ति को मदद मिल सकती है। यह किसी के मन में सिर्फ सकारात्मक विचारों के विकास को भी प्रोत्साहित करता है।
दुर्गा मंत्र कितनी बार बोलते हैं?
इस मंत्र का 108 बार या 108 के गुणज तक जाप करना चाहिए। इस मंत्र जाप के लिए शुक्रवार का दिन शुभ है।
माँ दुर्गा को कैसे खुश करे?
श्री दुर्गा माँ को प्रात: काल के समय शहद मिला दूध अर्पित करने से श्री दुर्गा माँ को प्रसन्न होती हैं ! और फिर साधक द्वारा इसे ग्रहण करने से आत्मा व शरीर को बल की प्राप्ति होती है । Maa Durga Ko Prasann करने के लिए साधक को नवरात्र में अष्टमी व नवमी के दिन कन्या पूजन अवश्य करना चाहिए ।
मां दुर्गा से प्रार्थना कैसे करें?
क्षमा-प्रार्थना अपराधसहस्त्राणि क्रियन्तेऽहर्निशं मया। दासोऽयमिति मां मत्वा क्षमस्व परमेश्वरि॥1॥ आवाहनं न जानामि न जानामि विसर्जनम्। पूजां चैव न जानामि क्षम्यतां परमेश्वरि॥
मां दुर्गा की सिद्धि कैसे करें?
नवरात्रि की नवमी तिथि को मां दुर्गा के नावें स्वरूप मां मां सिद्धिदात्री का पूजन किया जाता है. पुराणों के अनुसार देवी सिद्धिदात्री के आठ सिद्धियां हैं. देवी पुराण के मुताबिक सिद्धिदात्री की उपासना करने का बाद ही शिव जी ने सिद्धियों की प्राप्ति की थी.
बीज मंत्र कौन सा है?
बीज मंत्रों को सभी मन्त्रों के प्राण के रूप में जाना जा सकता है। जिनके प्रयोग से मन्त्रों में प्रबलता और अधिक होती है। ॐ, क्रीं, श्रीं, ह्रौं, ह्रीं, ऐं, गं, फ्रौं, दं, भ्रं, धूं, हलीं, त्रीं, क्ष्रौं, धं, हं, रां, यं, क्षं, तं. दिखने में छोटे से बीज मंत्र अपने भीतर बहुत से शब्दों को समाए हुए होते हैं।
बिना माला के जप कैसे करें?
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, यदि मंत्र जाप के लिए माला उपलब्ध न हो तो भी एक आसान विधि से निश्चित संख्या में जाप किया जा सकता है। यह तरीका है - करमाला यानी उंगलियों पर मंत्रों की गिनती से मंत्र जाप।
मां दुर्गा का असली नाम क्या है?
माता की कथा : हालांकि उनका असली नाम दाक्षायनी था। यज्ञ कुंड में कुदकर आत्मदाह करने के कारण भी उन्हें सती कहा जाता है। बाद में उन्हें पार्वती के रूप में जन्म लिया। पार्वती नाम इसलिए पड़ा की वह पर्वतराज अर्थात् पर्वतों के राजा की पुत्र थी।
मां को कैसे बुलाएं?
जय माँ, दुर्गा भवानी की। ॐ दुं दुर्गायै नमः।
शेर का मुंह खुला होने से क्या होता है?
इसे सुनेंरोकेंयह आपकी भावना की बात है। यदि आपको शेर का खुला मुख देखकर भय लगता है तो आप मत रखिये। यह कोई अपरिहार्य नियम नहीं है। शेर का खुला मुख क्रोध को दिखा रहा है यह भी आपकी ही भावना है।
दुर्गा जी का मुंह किधर होना चाहिए?
देवी भगवती की प्रतिमा पश्चिम या उत्तर की ओर मुख कर रखनी चाहिए। ताकि साधक जब उनकी पूजा करें तो उनका मुख दक्षिण दिशा या पूर्व दिशा में हो।
माता का प्रिय भोग क्या है?
नवरात्र पर्व के अष्टमी तिथि को माता महागौरी कि वन्दना की जाती है। माता को नारियल का भोग सर्वाधिक प्रिय है। माता को यह भोग अर्पित करने से मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है।
मंत्र कितनी बार में सिद्ध होता है?
जब मंत्र, साधक के भ्रूमध्य या आज्ञा-चक्र में अग्नि- अक्षरों में लिखा दिखाई दे, तो मंत्र-सिद्ध हुआ समझाना चाहिए। यह बात किसी साधु महात्मा या धार्मिक प्रवचन करने वाले व्यक्ति द्वारा नहीं कही गिया है।
दुर्गा सप्तशती का बीज मंत्र क्या है?
ॐ ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै सर्वाङ्गे। ॐ ऐं अङ्गुष्ठाभ्यां नम: । ॐ ह्रीं तर्जनीभ्यां नम: । ॐ क्लीं मध्यमाभ्यां नम: ।
ओम नमः शिवाय का जाप कितनी बार करना चाहिए?
शास्त्रों के अनुसार इस मंत्र का जप हमें शिव मंदिर, तीर्थ या घर में साफ, शांत व एकांत जगह में बैठकर करना चाहिए। ॐ नमः शिवाय मंत्र का जाप कम से कम 108 बार हर दिन रुद्राक्ष की माला से करना चाहिए,क्योकि रुद्राक्ष भगवान शिव को अति प्रिय है।
सबसे शक्तिशाली देवी कौन है?
दुर्गा । दुर्गा हिंदुओं की सबसे शक्तिशाली देवी-देवताओं में से एक हैं। हिंदू शास्त्रों में कहा गया है कि दुर्गा असुरों यानी राक्षसों का संहार करने आई थीं। पुरुष देवता असुरों को नियंत्रित करने में विफल रहे थे और उन्हें बनाया गया था।
Maa दुर्गा को दूर्वा क्यों नहीं चढ़ता है?
गणेशजी को तुलसी छोड़कर सभी पत्र-पुष्प प्रिय हैं! गणपतिजी को दूर्वा अधिक प्रिय है। अतः सफेद या हरी दूर्वा चढ़ाना चाहिए। दूर्वा की फुनगी में तीन या पांच पत्ती होना चाहिए।
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